CUET UG 2025 Exam Pattern NEET JEE जैसे बदलाव – जानिए नया पेपर फॉर्मेट

CUET UG 2025: क्या अब NEET-JEE जैसा हो गया एग्जाम? जानिए नए पैटर्न में क्या बदला

CUET UG 2025 के साथ इस साल भारत में इंजीनियरिंग, मेडिकल और यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षाओं के पैटर्न में बड़े बदलाव हुए हैं। NEET-UG और JEE Main में पहले ही ऑप्शनल प्रश्नों को हटा दिया गया और अब यही बदलाव CUET में भी देखने को मिल रहा है। यह परीक्षा देशभर की 228 यूनिवर्सिटी और उच्च शिक्षा संस्थानों में एडमिशन के लिए आयोजित की जा रही है, जो 3 जून 2025 तक चलेगी। परीक्षा अलग-अलग शिफ्ट्स में आयोजित हो रही है और छात्रों को अपनी शिफ्ट के अनुसार परीक्षा देनी है।

समय प्रबंधन बना सबसे बड़ा चैलेंज

NEET 2025 के बाद छात्रों ने पेपर को काफी कठिन बताया था और कई छात्रों को टाइम मैनेजमेंट में भी कठिनाई हुई। इसका सीधा असर उनकी परफॉर्मेंस पर पड़ा। कई छात्र पेपर पूरा नहीं कर पाए क्योंकि समय से पहले उनका आत्मविश्वास टूट गया। यही कारण है कि अब CUET जैसे एग्जाम में समय प्रबंधन बेहद अहम हो गया है। छात्रों को कोशिश करनी चाहिए कि जिन सवालों का उत्तर उन्हें आता है, पहले उन्हें हल करें ताकि अधिकतम प्रश्नों के उत्तर सही समय में दे सकें।

CUET 2025 परीक्षा पैटर्न: क्या बदला है इस बार?

विशेषज्ञों की मानें तो CUET UG 2025 के पैटर्न को समझना परीक्षा में अच्छा स्कोर करने के लिए बेहद जरूरी है। इस बार परीक्षा में कोई चॉइस नहीं दी गई है। जहां 2024 में जनरल टेस्ट में 60 में से 50 प्रश्न हल करने होते थे और अन्य विषयों में 50 में से 40, वहीं 2025 में प्रत्येक पेपर में 50 प्रश्न अनिवार्य होंगे। सभी प्रश्न कंपलसरी होंगे और कुल पेपर 250 अंकों का होगा।

हर सही उत्तर पर 5 अंक दिए जाएंगे, जबकि गलत उत्तर पर 1 अंक काटा जाएगा। गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधीनगर और सिलवासा के रजिस्ट्रार डॉ. नितिन मलिक के अनुसार, इस बार सभी ऑप्शनल प्रश्न हटा दिए गए हैं और प्रत्येक पेपर की अवधि एक घंटे की होगी। छात्रों को सलाह दी गई है कि वे पूरे पेपर को पहले अच्छी तरह पढ़ें और जिन प्रश्नों पर पूरा विश्वास हो, उन्हें पहले हल करें।

नेगेटिव मार्किंग से कैसे बचें?

CUET 2025 में गलत उत्तर देने पर नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था है, इसलिए छात्रों को सावधानी से प्रश्न हल करने होंगे। विशेषज्ञों की सलाह है कि जिन प्रश्नों का उत्तर बिल्कुल नहीं आता, उन्हें छोड़ देना ही बेहतर होगा। इससे अनावश्यक नेगेटिव मार्किंग से बचा जा सकता है। वहीं, जिन प्रश्नों का उत्तर आंशिक रूप से आता है, वहां एक बार सोच-विचार कर उत्तर देने की कोशिश करें। इससे आप अधिकतम प्रश्न हल कर पाएंगे और नुकसान से भी बचेंगे।

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अभी भी मॉक टेस्ट देने का समय है

CUET का एग्जाम फॉर्मेट ऐसा है कि छात्र को कई दिनों में विभिन्न शिफ्ट्स में परीक्षा देनी पड़ सकती है। एक छात्र अधिकतम 5 विषयों के लिए आवेदन कर सकता है और अधिकांश छात्रों ने 4 से 5 विषय चुने हैं। ऐसे में किसी छात्र का एग्जाम एक से तीन दिन तक भी खिंच सकता है। इस परिस्थिति में मॉक टेस्ट देना एक बहुत कारगर उपाय है। इससे समय प्रबंधन बेहतर होगा और आत्मविश्वास में भी इजाफा होगा।

CUET का पेपर एनसीईआरटी सिलेबस पर आधारित होता है और छात्र हाल ही में 12वीं की परीक्षा देकर निकले हैं, इसलिए मॉक टेस्ट हल करना ज़्यादा मुश्किल नहीं होगा। लगातार अभ्यास से छात्र एग्जाम में तेजी से और सटीक उत्तर दे सकेंगे।

ज्यादा प्रैक्टिस, बेहतर प्रदर्शन

डीयू के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. आर. बी. सोलंकी के अनुसार, जो छात्र अधिक से अधिक प्रैक्टिस पेपर और पिछले वर्षों के प्रश्न हल करते हैं, वे एग्जाम में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। CUET जैसे टेस्ट में एक छात्र को एक दिन में दो से तीन पेपर देने पड़ सकते हैं, इसलिए मानसिक रूप से तैयार रहना बेहद जरूरी है। घर में बैठकर दो से तीन पेपर की प्रैक्टिस करें और एक घंटे में पूरे प्रश्न हल करने की कोशिश करें।

डॉ. सोलंकी का मानना है कि अक्सर छात्र एग्जाम में फॉर्मूला जानते हुए भी घबराहट या तनाव के कारण सही ढंग से उत्तर नहीं दे पाते। इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है नियमित अभ्यास। अभ्यास से फॉर्मूले दिमाग में बैठ जाते हैं और एग्जाम में बिना हड़बड़ाहट के उन्हें लागू किया जा सकता है।

कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) मोड में होगी परीक्षा

CUET UG 2025 की परीक्षा पूरी तरह कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) मोड में आयोजित की जा रही है। छात्रों को इस फॉर्मेट के बारे में समय रहते गाइड किया जा रहा है ताकि किसी भी तकनीकी या प्रक्रिया से संबंधित उलझन न हो। एम. एम. पब्लिक स्कूल, पीतमपुरा की प्रिंसिपल रूमा पाठक ने जानकारी दी कि छात्रों को CBT मोड में पेपर हल करने के लिए स्कूलों में ट्रेनिंग दी जा रही है।

शिक्षा मंत्रालय के पोर्टल ‘साथी’ पर भी मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस पेपर उपलब्ध हैं, जिन्हें हल करना छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। इस बार जनरल टेस्ट को ‘जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट’ के नाम से जाना जाएगा।

12वीं के सिलेबस और करेंट अफेयर्स पर फोकस जरूरी

CUET में पूछे जाने वाले अधिकतर प्रश्न 12वीं के एनसीईआरटी सिलेबस पर आधारित होंगे। साथ ही जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट में करंट अफेयर्स की जानकारी भी जरूरी होगी। छात्र हाल ही में 12वीं की परीक्षा दे चुके हैं, इसलिए उन्हें NCERT की किताबों को एक बार फिर से रिवाइज करना चाहिए।

रोजमर्रा की खबरों और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर नजर रखना जरूरी है क्योंकि जनरल अवेयरनेस से जुड़े प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं। परीक्षा में सफलता पाने के लिए जरूरी है कि प्रश्नों को पूरी तरह से पढ़ें, उन्हें समझें और सोच-समझकर उत्तर दें।

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